हमने एपीआई के बारे में तो सुना ही है पर हम सब में से बहुत से ऐसे लोग होते हैं जो एपीआई के बारे में नहीं जानते है ऐसे में कुछ सवाल आते हैं कि एपीआई क्या है? एपीआई की फुल फॉर्म क्या है? एपीआई कैसे काम करता है? एपीआई के क्या फायदे हैं ?एपीआई के क्या नुकसान है? जिन लोगों को कंप्यूटर में दिलचस्पी होती है उन लोगों को पता होता है कि एपीआई क्या है? एप्लीकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस एक कंप्यूटर इंटरफेस है जो कहीं सॉफ्टवेयर के बीच बातचीत को परिभाषित करता है। यह उन काॅल अनुरोध के प्रकार को को प्रदर्शित करता है जो बताया जा सकता है। ताकि उपयोगकर्ता विभिन्न तरीके से मौजूद कार्य क्षमता का विकास करें, और अलग-अलग डिग्री तक एपीआई पूरी तरह से कस्टम हो सकता है। यह घटक के नियम व शर्तें या उद्योग मानक के आधार पर बनाया जा सकता है। ताकि अंतर सुरक्षित किया जा सके। यह एक सॉफ्टवेयर होता है, जो दो प्रोग्राम को आपस में जोड़ने का कार्य करता है।
API क्या है।
API का फुल फॉर्म application programming interface होता है। यह एक बीज का सिस्टम है जिसे हम कुछ इस प्रकार समझते हैं, यानी फोन या कंप्यूटर में कोई एप्लीकेशन चलाते हैं। तब वह इंटरनेट से कनेक्ट किया जाता है, जिस समय सर्वर पर डाटा भेजा जाता है। उसके बाद सर्वर उसे प्राप्त करता है। फिर वह अपने अनुसार काम करता है। उसके बाद वह डाटा दोबारा से हमारे फोन या कंप्यूटर में भेजा जाता है और यह API का होता है। क्योंकि इसके बिना कार्य करना मुश्किल है computer भाषा में बोले तो यह वह प्रक्रिया है जिससे सारे कार्य आसानी से हो सके इससे यूजर को भी सही जानकारी मिलती है। इससे अधिक तेज प्रक्रिया होती हैं। और यही नहीं यह सारे कार्य को आसान बना देता है जिससे कोई दिक्कत ना हो सके और हम आसानी से कार्य कर सकें।
क्या एपीआई सुरक्षित है?
कई लोगों के मन में यह सवाल तो जरूर आता है कि एपीआई डाटा को सर्वर को भेजता है तो क्या यह सुरक्षित है या नहीं। तो हम यह बता दे कि इंटरनेट पर 100% सुरक्षा गारंटी किसी को नहीं होती। पर API काफी सुरक्षित है। जहां पर हमारा डाटा सुरक्षित रहता है इसके साथ ही हमें इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि यह सिर्फ उसी डाटा को सर्वर वर तक भेजता है। जो अपने फोन या कंप्यूटर में क्रिया करते हैं, उसके अलावा यह किसी भी प्रकार का हमारे कंप्यूटर या फोन का डाटा सर्वर को नहीं भेजता है।
एपीआई के क्या उपयोग है।
एपीआई अलग-अलग सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन के बीच एक ब्रिज की तरह काम करता है, जिससे डाटा को ट्रांसफर किया जा सकता है। अलग-अलग एप्लीकेशन को इंटीग्रेट किया जा सकता है, और थर्ड पार्टी एप्लीकेशन के साथ कम्युनिकेट किया जा सकता है। एपीआई का उपयोग करके डेवलपर्स और बिजनेसमैन अपनी एप्लीकेशन improve और enhance कर सकते हैं।
- एपीआई का उपयोग कई प्रकार से किया जा सकता है। जैसे कि एक ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट अपने API का उपयोग करके अपने कस्टमर को एक बेहतर अनुभव प्रदान करता है API का उपयोग प्रोडक्ट एवं पेमेंट बेस्ट बिजनेस में भी किया जा सकता है।
- अगर कोई कस्टमर चाहता है कि वह Amazon account का उपयोग करके एक प्रोडक्ट purchase करे तो Amazon API का उपयोग करके यह काम बहुत आसानी से किया जा सकता है।
- इसके अलावा एक सोशल मीडिया एप्लीकेशन भी अपनी एपीआई का उपयोग करके अलग-अलग प्लेटफॉर्म के साथ कनेक्ट कर सकती हैं। इससे यूज़र को अपने अकाउंट sync करने में मदद मिलती है और उन्हें अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को मैनेज करने में आसानी होती है।
- एपीआई के उपयोग बहुत ही ज्यादा है एक एपीआई के उपयोग से किसी भी सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन का एक्सेस ओपन या प्राइवेट भी हो सकता है।
- जैसे कि एक कंपनी के द्वारा बनाई गई एप्लीकेशन सिर्फ उनके एंप्लॉय के लिए ही एक्सेसिबल हो सकती है। ऐसे में एपीआई के जरिए उनके एंप्लॉय ही इस एप्लीकेशन का उपयोग कर सकते हैं। जो उस कंपनी के बाहर का होगा वह इस एप्लिकेशन का उपयोग नहीं कर पाएगा।
- यही दूसरी कंपनी का API पब्लिक भी हो सकता है जिससे कोई भी डेवलपर उसका उपयोग कर सकता है। और एक नई एप्लीकेशन बना सकते हैं।
- इन सभी उपयोगों के अलावा एपीआई का उपयोग बड़े-बड़े प्रोडक्ट में भी किया जा सकता है। जैसे कि गूगल मैप एप्लीकेशन में लोकेशन ट्रैकिंग, और नेविगेशन जैसी सुविधा दी जा सकती है।
API के प्रकार कौन-कौन से हैं।
एपीआई मुख्य रूप से चार प्रकार का होता है।
- Open API
- Partner API
- Internal API
- Composite API
Open API —
ऐसे API सार्वजनिक और ज्यादातर मुफ्त होते हैं, इसका इस्तेमाल कोई भी डेवलपर कभी भी कर सकता है, इसके इस्तेमाल पर कोई पाबंदी नहीं लगाई जा सकती। इस एपीआई को सार्वजनिक करने के पीछे जनहित की भावना होती है। इसे public API भी कहा जाता है।
Partner API —
यह ऐसे एपीआई होते हैं, जिनको एक्सेस करने के लिए डेवलपर को licence की जरूरत होती है इस प्रकार के API जनता के लिए उपलब्ध नहीं होते हैं। Partner API बिजनेस टू बिजनेस के लिए यूज़ किया जाता है। इससे दोनों पक्षों को लाभ मिलता है।
Internal API—
ऐसे एपीआई का इस्तेमाल किसी कंपनी या organisation के अंदर होता है। यह API कंपनी के team और सिस्टम के बीच ट्रांसफर को सुरक्षित करने के लिए होता है। इस तरह के एपीआई बाहर के उपयोगकर्ता से छुपे हुए होते हैं। इसे प्राइवेट एपीआई भी कहा जाता है।
Composite API—
ऐसे एपीआई बहुत सारे डाटा source और service का collection होता है। जो एक ही रिक्वेस्ट से access किया जाता है। यह विभिन्न डाटा और सेवाओं को आपस में जोड़ता है। इसका इस्तेमाल ज्यादातर micro service और architecture मैं होता है।
API के उदाहरण कौन-कौन से हैं।
एपीआई के बहुत सारे उदाहरण है लेकिन उनमें से कुछ प्रचलित उदाहरण है जो इस प्रकार है।
Google map API
इस एपीआई का उपयोग किसी वेबसाइट या एप्लीकेशन मैं गूगल मैप को embedded करने के लिए किया जाता है। जिससे उस वेबसाइट एप्लीकेशन में दिए गए लोकेशन की जानकारी प्राप्त की जा सके। यह बिल्कुल फ्री होता है।
OoYouTube API
इस API का इस्तेमाल YouTube के वीडियो को किसी वेबसाइट एप्लीकेशन में integrated करने में किया जाता है । जिससे उस वेबसाइट एप्लीकेशन में YouTube के वीडियो को देखा जा सके। यह भी बिल्कुल फ्री होता है।
E-Commerce API
ऐसे API का उपयोग e-commerce कंपनी के प्रोडक्ट को किसी दूसरी वेबसाइट पर embedd करने के लिए किया जाता है। जिससे कोई ग्राहक उस कंपनी के product पर click करके E-commerce की वेबसाइट पर जाकर उस प्रोडक्ट को खरीद सके।
Ticket booking API
एसी API का उपयोग train ,bus, flight, movie आदि की टिकट बुक करने के लिए किया जाता है। जैसे जब हम लोग IRCTC से ट्रेन की टिकट बुक करते हैं तब IRCTC उस समय Indian railway की एपीआई इस्तेमाल कर रहा है।
Google sign in API
इस एपीआई का इस्तेमाल वेबसाइट या एप्लीकेशन मैं Google से sign in करने के लिए किया जाता है। इससे उपयोगकर्ता Google के account से उस वेबसाइट या एप्लीकेशन में लॉगिन कर सकते हैं। जैसे उपयोगकर्ता को अलग से अकाउंट बनाने की जरूरत नहीं पड़ती।
Payment gateway API
Payment gateway API का इस्तेमाल किसी अन्य मौजूदा वेबसाइट या एप्लीकेशन के साथ integrate करने के लिए किया जाता है। इससे उपयोगकर्ता को पेमेंट करने में आसानी होती है। इसको payment processing API भी कहा जाता है।
API के फायदे क्या है।
- Reusability—एपीआई को एक बार बनाने के बाद उसे बार-बार यूज किया जा सकता है इससे फायदा यह है कि डेवलपर की मेहनत और समय दोनों बचता है।
- समय की बचत—एपीआई की मदद से हम बहुत सारे ऑनलाइन कामों को ऑटोमेट कर सकते हैं। जिससे हम अपने समय को और भी दूसरे कामों के लिए बचा सकते हैं।
- Fixability—एपीआई का उपयोग बहुत से अलग अलग प्लेटफार्म और प्रोसेसिंग लैंग्वेज में किया जा सकता है। इससे डेवलपर को अपने choice के प्लेटफार्म और प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का उपयोग करने का मौका मिलता है।
- Security—एपीआई के द्वारा सिक्योर और इंक्रिप्टेड कम्युनिकेशन होती है। एपीआई में ऑथेंटिकेशन और ऑथराइजेशन का उपयोग करके एक्सेस कंट्रोल और सिक्योरिटी मेजर ऐड किए जा सकते हैं।
- पैसे की बचत—एपीआई का उपयोग काम को ऑटोमेट करने के लिए किया जाता है और डेवलपर को टाइम और effort बचाने में मदद करता है इससे उन्हें अपने काम को करवाने के लिए ज्यादा पैसे खर्च करने की जरूरत नहीं होती है।
API का भविष्य क्या है।
APIs का भविष्य बहुत उज्ज्वल है और यह सार्वजनिक एवं निजी दोनों सैक्टर को बढ़ाता है। कुछ कारण निम्नलिखित हैं-
- संगठितता—APIs आवश्यकता के अनुसार डिजाइन किए गए होते हैं। जिससे सुविधा संगठित होती हैं। एक एपीआई के उपयोग से संगठित सॉफ्टवेयर के साथ अधिक उत्पादकता एवं स्केलेबिलिटी सुनिश्चित की जा सकती है।
- इंटरोपरेबिलिटी—APIs का उपयोग संगठनों में डाटा एवं फंक्शनैलिटी के अद्वितीय स्तरों को समन्वित करने में मदद करता है। एक एपीआई एक सामान ढंग से तैयार किया जा सकता है। जो एक डेटाबेस से फाइल स्टोरेज तक कई साधनों के बीच जुड़ता है।
- सुरक्षा—APIs सुरक्षा के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण होते हैं डाटा अधिग्रहण के संदर्भ में एपीआई सुरक्षा स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है।
FAQ—एपीआई से जुड़े हुए कुछ सवाल
एपीआई का फुल फॉर्म क्या है?
एपीआई का फुल फॉर्म application programming interface है।
एपीआई के चार प्रकार कौन-कौन से हैं?
एपीआई के प्रकार निम्नलिखित हैं-सार्वजनिक ,निजी, भागीदार, समग्र।
एपीआई क्या है?
एपीआई एक सॉफ्टवेयर है जो जो प्रोग्राम को आपस में जोड़ने का कार्य करता है।
निष्कर्ष (conclusion)
आज इस आर्टिकल में हमने एपीआई क्या है एपीआई के फायदे? एपीआई का भविष्य? एपीआई के उदाहरण? एपीआई के प्रकार? इन सब के बारे में जाना और हमें उम्मीद है कि इस आर्टिकल को पढ़कर आपको एपीआई के बारे में जानकारी मिली होगी और इस आर्टिकल से आपको एपीआई के बारे में जानने में काफी मदद भी मिली होगी?